“चंद्रयान-4: इसरो की नई घोषणा”

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“चंद्रयान-4: इसरो की नई घोषणा”

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने चंद्रयान-3 को चंद्र पर लैंडिंग होने के एक साल पूरे होने पर एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने कहा कि 2027 में चंद्र पर सबसे कम ऊर्जा में जाने के लिए अच्छा अवसर है।

सोमनाथ ने कहा, “चंद्रयान-4 के लिए 2027 एक महत्वपूर्ण वर्ष होगा। हम चंद्र पर सबसे कम ऊर्जा में जाने के लिए तैयार हैं।”

सोमनाथ ने कहा, “चंद्रयान-4 के साथ हम चंद्र की खोज में एक नए युग में प्रवेश करेंगे। हम चंद्र की सतह की बनावट, भूविज्ञान, और खनिज संसाधनों की खोज करेंगे।”

चंद्रयान-4 2027 में क्यों ?     

 चंद्र पर से मिट्टी और खड़क के अवशेष को एकत्र करने के लिए चंद्रयान-4 का लॉन्चिंग वर्ष 2027 में होगा। हालांकि चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो को आगामी मिशन के लिए एक-दो साल पर्याप्त है। लेकिन,वर्ष 2027 एक ऐसा विशेष वर्ष आने वाला है,जिसमें चंद्र पर बहुत सस्ते में पहोंच सकेंगे। इस वर्ष में चंद्र पर पहुंचने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता कम होगी, जिससे मिशन को और अधिक किफायती बनाया जा सकता है।

चंद्रयान-4 की विशेषताएं:

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· चंद्र की सपाटी से अवशेष एकत्र करने वाला रोबोट होगा।
· चंद्र के अंदर (नीचे) ड्रिल करने की विधि विकसित की जाएगी।
· नमूने रखने के लिए कंटेनर होगा।
· रोबोट की माध्यम से चंद्र से नमूने लाना और डॉकिंग मेकैनिज्म की तकनीक जैसी तकनीक है।
· चंद्रयान-4 में 3 से 5 किलो मिट्टी और खड़क के नमूने लाने की क्षमता होगी।

चंद्रयान-4 एक उन्नत अंतरिक्ष मिशन है जो चंद्र की सतह और अंदरूनी भाग का अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें कई नए और उन्नत तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, जैसे कि चंद्र की सतह से अवशेष एकत्र करने वाला रोबोट, चंद्र के अंदर ड्रिल करने की विधि, और डॉकिंग मेकैनिज्म की तकनीक। इसका मुख्य उद्देश्य चंद्र की सतह और अंदरूनी भाग का अध्ययन करना है और इसके नमूने पृथ्वी पर वापस लाना है।

इसरो द्वारा भेजे गए पिछले तीन चंद्रयान मिशनों के बारे में कुछ जानकारी

चंद्रयान-1:

– लॉन्चिंग तिथि: 22 अक्टूबर 2008
– बजट: 380 करोड़
– लैंडिंग पॉइंट: जवाहर बिंदु

चंद्रयान-1 मिशन के कुछ मुख्य उपलब्धियां:

– चंद्र की सतह की तस्वीरें लेना
– चंद्र के वायुमंडल का अध्ययन करना
– चंद्र की सतह पर पानी की खोज करना
– चंद्र के भूविज्ञान का अध्ययन करना

चंद्रयान-2:

– लॉन्चिंग तिथि: 22 जुलाई 2019
– बजट: 978 करोड़
– लैंडिंग पॉइंट: तिरंगा बिंदु।

चंद्रयान-2 मिशन को 22 जुलाई 2019 को 14:43 बजे जी.एस.एल.वी. MkIII-M1 द्वारा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एस.डी.एस.सी.), श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक प्रमोचन किया गया था। इसका बजट 978 करोड़ रुपये था, जिसमें से 603 करोड़ रुपये अंतरिक्ष यान के विकास पर खर्च किए गए थे। चंद्रयान-2 का उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरना था, लेकिन यह 2 किलोमीटर की दूरी पर ही उतर पाया और संपर्क टूट गया। इसका लैंडिंग पॉइंट तिरंगा बिंदु था ¹।

चंद्रयान-3:

– लॉन्चिंग तिथि: 14 जुलाई 2023
– बजट: 615 करोड़
– लैंडिंग पॉइंट: शिव शक्ती बिंदु
– चंद्रयान–3 की सफल लैंडिंग की याद में 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस घोषित किया गया है


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