वक्फ बोर्ड (waqf board)संशोधन विधेयक 2024
वक्फ(WAQf) अधिनियम से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने के लिए सरकार ने हाल ही में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश किया है जिसमें 40 संशोधन प्रस्तावित किए गए हैं। उदाहरण के लिए, जिला कलेक्टर तय करेगा कि संपत्ति वक्फ की है या सरकार की। साथ ही वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम और महिला सदस्य भी होंगे। और वक्फ बोर्ड के फैसलों को हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी।
वक्फ बोर्ड(waqf board) के असीमित अधिकार :
वक्फ बोर्ड(waqf board) अधिनियम, भारत सरकार द्वारा 1954 में पारित किया गया था।इस अधिनियम में वर्ष 1995 और 2013 में और संशोधन किए गए और इन संशोधनों के ज़रिए वक्फ बोर्ड को असीमित अधिकार दिए गए। उदाहरण के लिए, वक्फ बोर्ड तय करेगा कि कौन सी संपत्ति वक्फ की है और कौन सी नहीं। और अगर बोर्ड को लगता है कि संपत्ति वक्फ की है, तो वे उस संपत्ति पर दावा कर सकते हैं। संपत्ति का मालिक वक्फ बोर्ड ट्रिब्यूनल या रिट अधिकार क्षेत्र के अलावा कहीं भी दावे के खिलाफ अपील नहीं कर सकता। साथ ही कुछ राज्यों में अपील करने के लिए वक्फ बोर्ड ट्रिब्यूनल भी नहीं हैं।
वक्फ बोर्ड(waqf board) का विरोध क्यों?
वक्फ बोर्ड को असीमित शक्तियां देने से कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं:
– वक्फ बोर्ड को यह अधिकार देना कि वह किसी भी संपत्ति के बारे में जांच कर सकता है कि वह संपत्ति वक्फ की है या नहीं, यह एक तरह से कानूनी प्रक्रिया को दरकिनार करना है।
– वक्फ बोर्ड के निर्णय को हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दे सकते, यह न्यायिक प्रक्रिया के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
– वक्फ बोर्ड को असीमित शक्तियां देने से यह खतरा है कि वह अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर सकता है और मुस्लिम समुदाय के हितों के साथ-साथ देश के कानूनी ढांचे को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
इन कारणों से, वक्फ बोर्ड को दी गई असीमित शक्तियों का विरोध किया जा रहा है और मांग की जा रही है कि वक्फ बोर्ड के अधिकारों पर पुनर्विचार किया जाए और उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत रखा जाए।
वक्फ बोर्ड(waqf board) की संपत्ति :
वक्फ बोर्ड रेलवे और रक्षा विभाग के बाद भारत की तीसरी सबसे बड़ी भूमि धारक गैर-सरकारी संस्था है। इसके पास 8.7 लाख से अधिक प्रॉपर्टीज हैं, जो 9.4 लाख एकड़ में फैली हुई हैं। इन प्रॉपर्टीज की कुल वैल्यू 1.2 लाख करोड़ रुपये है।
वक्फ बोर्ड(waqf board) की संपत्ति के राज्य अनुसार वितरण के बारे में जानकारी :
– उत्तर प्रदेश: 2 लाख 32 हजार संपत्तियां (पहला स्थान)
– पश्चिम बंगाल: 80 हजार संपत्तियां (दूसरा स्थान)
– पंजाब: 76 हजार संपत्तियां (तीसरा स्थान)
– तमिलनाडु: 66 हजार संपत्तियां (चौथा स्थान)
– कर्नाटक: (पांचवा स्थान)
– केरल: (छठा स्थान)
– तेलंगाना: (सातवां स्थान)
– गुजरात: (आठवां स्थान)
– महाराष्ट्र: (नौवां स्थान)
– मध्य प्रदेश: (दसवां स्थान)
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